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जैव ईंधन की राष्‍ट्रीय नीति

जैव ईंधन की राष्‍ट्रीय नीति – 2018

भारत दुनिया भर में सबसे तेज़ी से बढ़नेवालाी अर्थवस्‍थाओं में से एक है और इसे कुछ दशकों तक इस जनसांख्यिकीय विभाजन का लाभ मिलना जारी रहेगा। नागरिकां के रहन-सहन के स्‍तर को बढ़ानो में ऊर्जा एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण इनपुट है। सरकार द्वारा हाल में ऊर्जा के क्षेत्र से संबंधित की गई महत्‍वाकांक्षी घोषणाओं को पूरा करने के लिए, देश की ऊर्जा रणनीति, आगे का रास्‍ता तय करने का उद्देश्‍य रखती है। जैसे सभी जनगणना वाले गांवों का 2019 तक विद्युतिकरण, 24 x 7 बिजली और 2022 तक 175 जीडब्‍ल्‍यू की नवीकरण ऊर्जा क्षमता, ऊर्जा उत्‍सर्जनों की तीव्रता को 2030 तक 33% से 35% तक कम करना और विद्युत मिश्रण में गैर जीवाश्‍म ईंधन आधारित क्षमता के हिस्‍से को 2030 तक 40% से अधिक करने का लक्ष्‍य रखा गया है।

पारम्‍पारिक या जीवाश्‍म ईंधन संसाधन सीमित, गैर-नवीकरण योग्‍य और प्रदूषित हैं, इसलिए इसका इस्‍तेमाल विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए। दूसरी ओर नवीकरण ऊर्जा के संसाधन घरेलू हैं, प्रदूषण मुक्‍त है और वस्‍तुत: बहुतायत में है। भारत एक प्रचूर नवीकरण ऊर्जा संसाधनों से संपन्‍न देश है। अत: इनके प्रयोग को हर संभव तरीके से प्रोत्‍साहित करना चाहिए। राष्‍ट्रीय जैव ईंधन नीति – 2018 पूर्ववर्ती जैव ईंधन की राष्‍ट्रीय नीति की उपलब्धियों पर निर्मित है और यह नवीकरण क्षेत्र में उभरने वाले विकास की पुन: परिभाषित भूमिका के अनुरूप नयी कार्यसूची तय करती है।

सरकार ने तेल एवं गैस के क्षेत्र में आयात की निर्भता कम करने के उद्देश्‍य से पांच प्रकार की आगामी रणनीति अपनाई है। इसमें शामिल है, घरेलू उत्‍पाद बढ़ाना, जैव ईंधन और नवीकरणीय को अपनाना, ऊर्जा सक्षम मानदण्‍ड, रिफाइनरी प्रक्रियाओं को उन्‍नत बनाना और मांग प्रतिस्‍थापन। इसमें भारतीय ऊर्जा के क्षेत्र में जैव ईंधनों के लिए सामरिक भूमिका परिकल्पित है।

नवीकरण योग्‍य बायो मास संसाधनों से जैव ईंधनों की उत्‍पत्ति होती है।

इस नीति का उद्देश्‍य आने वाले दशक के दौरान देश के ऊर्जा एवं परिवहन सेक्‍टर में जैव ईंधनों का उपयोग बढ़ाना है। इस नीति का उद्देश्‍य घरेलू फीड स्‍टॉक का इस्‍तेमाल, विकास और प्रचार करना और जैव ईंधनों के उत्‍पादन के लिए इसका प्रयोग करना है ताकि राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन सूक्ष्‍मीकरण में अपना योगदान देते हुये जीवाश्‍म ईंधनों का उत्‍तरोंत्‍तर विकल्‍प ढूंढना है और साथ में सतत नये रोजगारों को भी निर्मित करना है।

इसी के साथ साथ यह नीति जैव ईंधनों की उत्‍पत्ति के लिए उन्‍नत प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग को प्रोत्‍साहित करेगी। पिछले कुछ सालों से जैवईधनों का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है और नये प्रौद्योगिकी नवाचार सामने आ रहे हैं।

जैव ईंधन की राष्‍ट्रीय नीति