सीवीओ से संदेश
महान दार्शनिक प्लेटो कहते हैं, 'अच्छे इंसान बिना किसी शर्त के ही मूल्यवान बन जाते हैं' और यदि ऐसा हमारी इस पूरी दुनिया में भी हो जाए, तो यह साबित हो जाएगा कि ग़लत तरीक़ों से सुख की चाहत का परिणाम अक्सर दर्द और दुःख ही होता है।
सतर्कता एक नज़रिया है, यह एक विचार प्रक्रिया है और सबसे बढ़कर एक प्रगतिशील संगठन की संस्कृति के सभी महत्वपूर्ण हिस्सों में सबसे ऊपर होता है, जिसे अपने व्यापार संचालन के हर पहलू को बेहतरीन तरीक़े से चलाने के लिए लगातार विकसित करने की आवश्यकता है। यही कारण है कि विभाग का लक्ष्य है 'अच्छे प्रशासन के माध्यम से कॉर्पोरेट उत्कृष्टता' इस दृष्टिकोण को अपनाना, जो प्रोऐक्टिव, रक्षात्मक, सहभागिता और दंडनीय सतर्कता जैसी बातों के मेल से बनता है। हमारा मुख्य उद्देश्य है हमारे आंतरिक सिस्टम, प्रक्रियाओं और प्रथाओं में लंबे समय तक बरकरार रहनेवाले सुधारों को बढ़ावा देना।
बीपीसीएल जैसे संगठन में, कर्मचारियों के ऊपर विभिन्न भूमिकाएँ और उपभोक्ताओं को सेवाएँ और उत्पाद देने के दौरान उत्तरदायित्व, निष्पक्षता और पारदर्शिता जैसी बातों को सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ होती हैं। शॉर्टकट्स से बचना चाहिए और प्रक्रियाओं को और भी मजबूत किया जाना चाहिए।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक और मानदंड, पारदर्शिता और सार्वजनिक उत्तरदायित्व के माध्यम से बेहतर प्रशासन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बनाए गए हैं। इन मानदंडों को विकास या प्रदर्शन में किसी तरह की रूकावट के रूप में नहीं बल्कि इन्हें बेहतर व्यावसायिक व्यवहारों के लिए अधिकारियों द्वारा बनाए गए उपायों के विकास के रूप में देखा जाना चाहिए।
हम सतर्कता का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं यानी सभी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में शामिल भावुकता, संवेदनशीलता और स्पष्ट नज़र आते कारकों का लगातार विश्लेषण और मूल्यांकन करना, असामान्य नज़र आते संकेतों के लिए नियमित चेतावनी और सावधानी बरतना, जिससे सिस्टम ऑपरेटर सतर्क हो जाएँ. इसके साथ ही भविष्य के अध्ययन के लिए सभी गतिविधियों का एक अविभाज्य और आसानी से समझ में आनेवाला लॉग बनाए रखना जैसी बातें शामिल हैं।
जब हम उपर्युक्त बातों पर महात्मा गाँधी के सिद्धांतों से प्रेरित सत्य, प्रेम, करुणा, अहिंसा, सहिष्णुता और निडरता के नज़रिए से देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि महान उद्देश्यों को केवल महान तरीक़ों से अमल में लाते हुए हासिल किया जा सकता है। किसी भी बुरे कर्म से कोई अच्छा नतीजा नहीं निकल सकता, भले ही उसका उद्देश्य कितना ही अच्छा क्यों न हो। इसलिए सच्चाई की राह पर चलने के लिए जीवन में हर पल सतर्क रहना बहुत ज़रूरी होता है।
मैं, टीम सतर्कता बीपीसीएल की तरफ से आप सभी को अपने चारों ओर काम करने के लिए एक स्वस्थ, अनुशासित और जिम्मेदारीभरा वातावरण बनाने, उसे सबल और बरकरार रखने के हमारे प्रयासों में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना चाहता हूँ। ताकि एकसाथ मिलकर हम एक-दूसरे में वो बदलाव लाने में मदद कर सकें, जो हम अपने आसपास की दुनिया में देखना चाहते हैं।
सुनील जैन
मुख्य सतर्कता अधिकारी